यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे परियोजना स्थल पर बेस यूनिट निर्माण कार्य शुरू
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तेग सिंह नारंग
खरसाली। उत्तराखंड में रोपवे का लगातार विस्तार हो रहा है।आज यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे परियोजना स्थल पर बेस यूनिट निर्माण कार्य शुरू किया गया । यमूुनोत्री स्काई कार प्रा.लि. द्वारा इस रोपवे के लिए खरसाली में प्रस्तावित लोअर टर्मिनल पर भूमि-पूजन के साथ निर्माण कार्य की शुरूआत कर दी गई।
राज्य सरकार द्वारा यमुनोत्री धाम के लिए रोप -वे निर्माण का जिम्मा पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मोड पर एक निजी कंपनी यमुनोत्री स्काई कार प्रा.लि. को सौंपा गया है। यमुनोत्री धाम के लिए इस बहुप्रतीक्षित रोप-वे परियोजना की कुल लंबाई 3.9 किमी होेगी और इसकी डिजायन क्षमता प्रति एक घंटे में एक तरफ 580 लोगों को परिवहन कराने की होगी। लगभग 170 करोड़ की लागत की इस रोप-वे परियोजना मे खरसाली से यमुनोत्री धाम के बीच कुल 10 टावर बनाए जाएंगे। इस परियोजना का निचला टर्मिनल खरसाली में बनाया जाएगा और उपरी टर्मिनल यमुनोत्री धाम में पुलिस चौकी के निकट बनेगा। यह रोप-वे छः मीटर प्रति सेकेण्ड की गति से संचालित करने के लिए डिजायन किया गया है और इसके खरसाली स्थित निचले टर्मिनल से यमुनोत्री धाम के उपरी टर्मिनल तक 15 मिनट के भीतर पहुंचा जा सकेगा।
यमुनोत्री स्काई कार प्रा.लि. के सीईओ अविरल जैन ने जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट को आज परियोजन का कार्य प्रारंभ करने की जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले खरसाली स्थित निचले टर्मिनल को बनाया जा रहा है। इस टर्मिनल पर 250 कारों, 30 बाईक्स और 40 ट्रेवलर वैन की क्षमता की पार्किंग का निर्माण भी किया जाएगा। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कंपनी को रोप-वे का कार्य प्रारंभ करने पर शुभकामनाएं देते हुए समय से परियोजना पूरी करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में 1978 में मंशादेवी मंदिर पर क्षेत्र का पहला रोपवे स्थापित हुआ था। इसके बाद नैनीताल फिर चंडीदेवी, टिहरी में रोपवे स्थापित हुए। ऋषिकेश नीलकंठ पर भी रोपवे योजना गतिमान है। यमुनोत्री सहित सभी धामों को भी सरकार की रोपवे से जोड़ने की योजना है। हरकी पैड़ी से चंडीदेवी तक भी एक रोपवे प्रस्तावित है।