बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद
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तेग सिंह नारंग
चमोली। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज रात 9 बजकर 7 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद कर दिए जायेंगे। कपाट बंद होने से पूर्व की जाने वाली पांच-दिवसीय पूजाओं का आज अंतिम दिन है।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति शीतकाल हेतु भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया में आज रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में विराजमान करेंगे इससे पहले श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी मंदिर परिसर में आ जायेंगे। इसके बाद रात सवा आठ बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी तथा घृत कंबल औढाने के बाद निर्धारित समय रात 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। कल 18 नवंबर प्रात को योग बदरी पांडुकेश्वर को प्रस्थान करेंगे।
आज सुबह साढ़े चार बजे से अभिषेक पूजा की गई ।दिन में भोग लगेगा तथा मंदिर में दर्शन होते रहेंगे दिन में मंदिर खुला रहेगा। शाम को 6 बजकर 45 मिनट पर शायंकालीन पूजा शुरू होगी उसके 60 मिनट पश्चात अर्थात 7 बजकर 45 मिनट पर रावल माता लक्ष्मी जी को मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर से श्री बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश करायेंगे । शाम 8 बजकर 10 मिनट पर शयन आरती होगी तथा इसके बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। 9 बजे रात्रि तक भगवान बदरीविशाल को माणा महिला मंडल की ओर से तैयार किया गया घृत कंबल औढाया जायेगा। इसके बाद ठीक 9 बजकर 07 मिनट पर शुभ मुहूर्त में भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।