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अखाड़ा परिषद में कोई मतभेद नहीं ..नरेंद्र गिरी
हरिद्वार ।। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर बरती जा रही शिथिलता पर गहरी नाराजगी जताई है ।
उन्होंने इस बात को दुष्प्रचार बताया जिसमें कहा गया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दो फाड़ हो हो गई है। उन्होंने कुंभ को लेकर जारी की जा रही गाइडलाइन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कुंभ में कथा भंडारे सत्संग ही नहीं होगा तो किस बात का कुंभ है। ऐसी कोई गाइडलाइन लागू नहीं होने दी जाएगी। शुक्रवार को वैष्णव अखाड़ों के संतों ने बैठक करके अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पर सभी अखाड़ों के हितों की रक्षा नहीं करने का आरोप लगाया था और अखाड़ा परिषद के बहिष्कार की घोषणा की थी, जिसे यह माना जा रहा था कि अखाड़ा परिषद दो फाड़ हो हो गई है लेकिन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने आज विस्तृत वक्तव्य जारी कर कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में कोई फूट नहीं है ।पूरी अखाड़ा परिषद एकजुट है लेकिन उन्होंने अखाड़ों में समुचित व्यवस्था और विकास कार्य न होने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार बताया और कहा कि संतों की नाराजगी अपनी जगह जायज है ।मुख्यमंत्री और अधिकारियों से बार-बार बात करने के बाद भी अखाड़ों में जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल वे इलाहाबाद में हैं और 22 फरवरी को हरिद्वार पहुंचेंगे 25 फरवरी को सभी अखाड़ों के साथ बैठक की जाएगी। सरकार से वार्ता कर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी ।। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिकारी या तो कोरोना के बहाने कुंभ कराना नहीं चाहते हैं या उनमें दृढ़ इच्छाशक्ति का अभाव दिख रहा है।
कुंभ से संबंधित कोई भी निर्णय अखाड़ा परिषद के संतो के साथ बैठक किए बिना नहीं लिया जा सकता लेकिन हरिद्वार के अधिकारी खुद ही बैठक करके निर्णय ले रहे हैं और संतों पर ऐसे निर्णय को थोपा जा रहा है जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा
उन्होंने कहा कि गंभीरता ऐसे बयानों की होती है जो किसी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कहें । जिन अखाड़े के बारे में कहा जा रहा है कि वह अखाड़ा परिषद से अलग हो गए हैं उनके आचार्य महामंडलेश्वर से उनकी बात हो गई है कहीं कोई नाराजगी वाली बात नहीं है नाराजगी केवल कुंभ की व्यवस्था में हो रही देरी को लेकर जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।मीडिया को भी उन्होंने इस बारे में अनर्गल प्रचार करने से बचने की सलाह दी।