प्रयागराज संगम तट पर परम पुण्यदायी है गंगा-गीता-गायत्री की सेवा - ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार/प्रयागराज। श्री जयराम आश्रम हरिद्वार (कैम्प) महाकुम्भ प्रयागराज-2025 में गंगा-यमुना-सरस्वती के पावन तट पर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज के सान्निध्य में कथाव्यास पं. गोपाल शास्त्री (वृन्दावन) के मुखारविन्द से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन एम.एल.डी. ग्रुप (कोलकाता) द्वारा किया जा रहा है। भागवत कथा शुभारम्भ के अवसर पर जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवतमहापुराण कोई साधारण पुस्तक या ग्रन्थ नहीं अपितु गंगा की तरह साक्षात् ज्ञानगंगा की धारा है, जिस प्रकार गंगा अनादिकाल से प्रवाहित है व नित नूतन है, उसी प्रकार श्रीमद्भागवत की ज्ञानगंगा धारा भी नित नूतन है। श्रीमद्भागवत की पावन कथा का श्रवण मनन संकीर्तन हमें मोक्ष के साथ-साथ पारिवारिक उन्नति भी प्रदान करता है। जब तक धर्म परिवार में रहता है तो इसकी नींव को कोई नहीं हिला सकता, परन्तु धर्मरूपी विभीषण के घर से जाते ही पूरा परिवार बिखरकर नष्ट हो जाता है। अतः सभी को धर्म के आचरण-पथ पर चलना चाहिए, इससे सभी का इहलौकिक व पारलौकिक कल्याण होने वाला है।
कथा से पहले आज शिविर में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त आनन्दलोक कोलकाता के सौजन्य में मेडिकल बस का भी शुभारम्भ किया गया जिसमें ओ.पी.डी., ई.सी.जी., एक्स-रे, पैथ लैबोरेटरी, आँखों के इलाज, डेन्टल आदि सभी सुविधायें हैं। ब्रह्मचारी जी ने जनता के सेवार्थ इस मेडिकल बस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्वामी रविन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज-जूना अखाडा, संस्था के ट्रस्टी गोवर्धन अग्रवाल, साधु-महात्मा एवं अन्य प्रान्तों से आये आश्रमीय भक्तों की उपस्थिति रही।