धन आवंटित होने के बावजूद 16 साल से नहीं बना भिलाड़ू स्टेडियम,खेल प्रेमियों में आक्रोश
सुनील सोनकर
देहरादून। हाल ही में उत्तराखंड में 38 वें राष्ट्रीय खेल सफलता पूर्वक संपन्न करवाने पर प्रदेश सरकार फूली नहीं समा रही है। और होना भी चाहिए क्योंकि उत्तराखण्ड ने इन खेलों की सफल मेजबानी की है और उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों ने इसमें अपनी प्रतिभा का बखूबी परिचय देते हुए पदक जीते हैं जिसके लिए प्रदेश सरकार, खेल विभाग तथा प्रतिभागी खिलाड़ी सभी बधाई का हकदार है। लेकिन मसूरी के परिपेक्ष्य में प्रदेश सरकार, खेल मंत्रालय, वन विभाग तथा जनप्रतिनिधि बहुत उदासीन रवैया अपना रहे हैं और सरकार की स्वीकृति तथा धन आबंटित होने के बाद भी मसूरी में प्रस्तावित भिलाड़ू खेल मैदान का निर्माण कार्य अधर में लटकाए हुए हैं, जिससे मसूरी के खिलाड़ी व खेल प्रेमी आहत हैं।
बिना किसी खेल मैॅदान और स्टेडियम के मसूरी ने कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी देश को दिए हैं जिसमें हॉकी, रोलर स्केटिंग व रोलर हॉकी, तथा महिला बास्केटबॉल खिलाड़ी शामिल हैं। बीते लगभग साठ वर्षाे से मसूरी में खेल मैदान व स्टेडियम की मांग समय समय पर होती रही है लेकिन सरकारी मशीनरी के कानों में मसूरी के खिलाड़ियों व खेल प्रमियों की मांग को अनसुना किया जाता रहा है। सबसे पहले साल 2009 में उत्तराखण्ड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा मसूरी शरदोत्सव के उद्घाटन समारोह में मसूरी में खेल स्टेडियम बनाने की घोषणा की गयी थी, जिससे मसूरी के खिलाड़ियों में खुशी छा गयी थी। लेकिन उनको क्या पता था कि सोलह साल बीतने के बाद और स्टेडियम निर्माण के लिए सरकार द्वारा स्वीकृति दिए जाने, वित्तीय स्वीकृति मिलने तथा धन आबंटित होने के बाद भी संबंधित फाइल वन विभाग के अधिकारियों की अफसरशाही में फंस कर रह जाएगी।
मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा मसूरी में स्टेडियम निर्माण की धोषणा करने के बाद 29 जनवरी 2013 को तत्कालीन पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल के पालिका बोर्ड की बैठक में भिलाड़ू में खेल स्टेडियम निर्माण के लिए तीस सालों के लिए भिलाडू में भूमि दि जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मत्ति से पारित किया गया। इसके बाद 20 मई 2015 को तत्कालीन पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल के पालिका बोर्ड द्वारा 1924 के मानचित्र के अनुसार भिलाडू स्थित पालिका की 3.77 हैक्टेअर भूमि को राज्य खेल विभाग को सर्वसम्मत्ति से हस्तांतरित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मत्ति से स्वीकृत किया गया जिसमें नगर पालिका व खेल विभाग के बीच भूमि की शर्तें व लीज निधारण की शर्तें बाद में तय करने का प्रावधान किया गया था। साल 2016 में प्रदेश के खेल सचिव शैलेष बगोली द्वारा भिलाड़ू में प्रस्तावित खेल मैदान का निरीक्षण किया गया। खेल विभाग द्वारा 498. 50 लाख रूपयों का स्टेडियम निर्माण की लागत का आकलन किया या जिसके सापेक्ष 497.42 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गयी और प्रदेश के राज्यपाल द्वारा तात्कालिक रूप से स्टेडियम निर्माण के लिए 33.33 लाख रूपए स्वीकृति प्रदान कर खेल विभाग को प्रथम किस्त के रूप में हस्तांतरिक किए गये और खेल विभाग द्वारा प्रदेश पेयजल निगम को खेल स्टेडियम निर्माण का जिम्मा सौंपा गया।
प्रदेश के तत्कालीन वन एवं खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल द्वारा 24 अक्टूबर 2016 को नगर पालिका मसूरी प्रांगण में भिलाड़ू स्टेडियम कार्य का शिलान्यास किया गया। कार्यदायी संस्था पेयजल निगम द्वारा भिलाडू में स्टेडियम के बाउंड्री पिलर तथा 9 मीटर की रिटर्निंग वाल की बुनियाद का कार्य शुरू किया गया, लेकिन मसूरी वन प्रभाग द्वारा यह कहते हुए निर्माण कार्य रोक दिया गया कि अभी तक खेल विभाग ने वन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया है। 17 नवंबर 2021 को पेयजल निगम द्वारा जेसीबी से शुरू करवाए जा रहे स्थल समतलीकरण कार्य को मसूरी वन प्रभाग द्वारा रुकवा दिया गया। वन विभाग से पुनरू अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने समतलीकरण कार्य शुरू किया गया लेकिन इस बार वन विभाग ने मैदान समतलीकरण में अवैध खनन का अंदेशा जताते हुए फिर काम बंद कर दिया गया।
1 मई 2022 को वन्य जीव विहार की रेंज अधिकारी डा0 शिप्रा शर्मा द्वारा जिला खेल अधिकारी शिवाली गुरूंग, नगर पालिका मसूरी के अधिकारियों तथा पेयजल निगम के अभियंता बिक्रम सिंह राणा, मसूरी स्पोर्ट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी बिजेंद्र सिंह नेगी, बिजेंद्र पुण्डीर, रूपचंद आदि के साथ प्रस्तावित भिलाडू खेल मैदान भूमि का संयुक्त निरीक्षण करने में पाया कि वहां पर किसी प्रकार का अवैध खनन नहीं हो रहा है, जिसकी रिपोर्ट मसूरी वन प्रभाग को दी गयी। आज तीन साल बीतने के बाद भी संबंधित फाइल मसूरी वन प्रभाग में धूल फांक रही है और वन विभाग की ऑन लाइन साइट पर पेंडिंग फॉर फॉरेस्ट नोडेल ऑफिसर रेकोमोंडेशन की टिप्पणी के साथ यथावत है। देखते हैँ मसूरी के खिलाड़ियों पर वन विभाग कब मेहरबान होता है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी किया था भिलाडू का निरीक्षण
भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर तथा टॉम आल्टर ने भी बीती सदी के अंतिम दशक में मसूरी स्पोर्ट्स एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकिशोर बंबू के साथ में भिलाड़ू का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि स्टेडियम के लिए इससे अधिक उपयुक्त जगह मैने नहीं देखी है। यहां पर हाई अल्टीट्यूड स्टेडियम और ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाना अधिक श्रेयकर होगा।
प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी अमित कंवर ने बताया कि उनके स्तर से सभी जांच होने के बाद, भिलाड़ू स्टेडियम से संबंधित फाइल राज्य नोडल अधिकारी रजन मिश्रा, वन मुख्यालय देहरादून को भेजी जा चुकी है और वहीं से अग्रिम कार्यवाही होगी।