मां गौरा देवी के ऐतिहासिक बैसाखी मेले को लेकर मंदिर समिति की बैठक
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। गौरा देवी बैसाखी मेला देवलगढ़ में पूर्व की भांति इस वर्ष 14 अप्रैल 2025 को आयोजित होना है। आज इस अवसर पर बैसाखी मेले को लेकर मां गौरा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष जे.पी.काला की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आहूत की गई,जिसमें सर्वसहमति से निम्न प्रस्ताव पारित हुए। उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल 2025 बैसाखी मेला आयोजित किए जाने के विषय में तैयारी पर चर्चा की गई,मंदिर की साज-सज्जा,रास्तों की साफ सफाई एवं प्रचार प्रसार आदि पर चर्चा हुई। समिति के अध्यक्ष जे.पी.काला ने बताया कि जिन गांवों से ढोल दमाऊ बैसाखी मेले पर आएंगे उनको समिति द्वारा पुरस्कार दिया जाएगा। समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि सड़क में जो प्रवेश द्वार है उससे 100 मी.के दायरे के दाएं-बाएं कोई भी दुकान ना लगे केवल स्थाई दुकान जो सड़क से बाहर बनी है तथा स्थानीय दुकानदारों की अपनी निजी भूमि पर बनी हो। उन्होंने आगे बताया कि 14 अप्रैल 2025 को मां भगवती गौर को 3:15 बजे काल भैरव निशान के साथ झूला झुलाया जाएगा और मां भगवती गौरा की चल विग्रह प्रतिमा को झूला झुलाया जाएगा और मां भगवती गोरा अपने गर्भगृह से बाहर आकर सभी भक्तों को दर्शन देगी। मां भगवती गोरा संपूर्ण क्षेत्र की आराध्य देवी है दूर-दूर से भक्तजन मां के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। मां भगवती गोरा देवी का झूला झूलाने में संजय बहुगुणा,गौरा देवी के पुजारी मनिष कपरूवाण,सुधीर बहुगुणा,जितेंद्र डंगवाल,मयंक,ताजवर सिंह,हुकम सिंह,श्याम सिंह आदि लोग सहयोग करेंगे। आपको बता दे कि इस ऐतिहासिक पारंपरिक मेला गढ़वाल नरेशों की पूर्व राजधानी देवलगढ़ में पौराणिक बैसाखी मेले के दिन क्षेत्र के दर्जनों गांवों के साथ-साथ प्रदेश व देश के विभिन्न जगहों से श्रद्धालु भक्तगण देवलगढ़़ पहुंचकर भगवती मां गौरा और मां राजराजेश्वरी के दर्शन कर प्रसन्न मन से अपने घर वापस जाते हैं। कहा जाता है कि राजा अजेय पाल शाह के जमाने से ही देवलगढ़़ में बैसाखी मेला आयोजित होता आया है। प्रतिवर्ष देवलगढ़ में बैसाखी के दिन मेला आयाेजित कर भगवती की प्रतिमूर्ति को झूला झुलाया जाता है। इस शुभ दिन पर सुमाड़ी के श्रद्धालु भक्तगण बड़ी श्रद्धा से दोण कंडे के साथ मेले में पहुंचकर मेला आयोजन में झूले की परम्परा निभाने में अपनी सराहनीय भूमिका निभाते हैं। सुमाड़ी,बुघाणी,जलेथा,गहड़,मलेथा,भटोली,चकवाली मंदोली,स्वीत,फरासू,भैंसकोट,कोल्ठा,गैरू,रामपुर,मुण्डोली,सुरालगांव,जोगडी,कटाखोली,ग्वाणा,मंगलाकोटी आदि गांवों से लोग पहाड़ी वाद्ययंत्रों ढ़ोल-दमाऊ बजाते नाचते गाते देवलगढ़ मेले में पहुंचते हैं। क्षेत्रीय लोगों का बैसाखी मेले के प्रति भारी उत्साह रहता है। क्षेत्र के प्रवासी भी छुट्टी लेकर बैसाखी मेले के लिए घर पहुंचते हैं। क्षेत्र की बहूं बेटियों व ध्याणीयों को बड़ी बेसब्री से बैसाखी मेले का इन्तजार रहता है। भगवती गौरा को झूला झुलाने के उपरान्त श्रद्धालु भक्तगण मां गौरा और मां राजराजेश्वरी का फूल-प्रसाद लेकर वापस अपने घरों को लौट जाते हैं। आपको बता दें कि श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र विधायक एवं उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के प्रयासों से मंदिर मार्ग पर कोरिडोर निर्माण के तहत टिन की छत के रास्तों पर रेलिंग निर्माण हो चुका है,जिससे पानी और धूप से श्रद्धालु आराम से दर्शन के लिए पहुंच सकते है। देवलगढ़ दर्शन का लाभ उठाइएगा।
बैठक में जे.पी.काला,रुकम सिंह,मनिष कपरूवाण,मंगल सिंह,दिनेश पुरी,सुधीर बहुगुणा,कुलदीप चौहान,सुनील पुरी,दुर्गेश फौजी,रोहित,यमुना प्रसाद काला,दिनेश कपरूवाण आदि लोग उपस्थित रहे।