मसूरी में लंढौर मेले का शुभारंभ,पर्यटकों ने लिया पहाड़ी व्यंजनों का जायका
सुनील सोनकर
देहरादून। पहाड़ों की रानी स्थित मसूरी छावनी परिषद के तत्वाधान में ग्रीन लाइफ के सहयोग से आयोजित लंढौर मेले का शुभारंभ किया गया. मेले में पर्यटकों और स्थानीय लोगों की भीड़ जुट रही है. वहीं, इस दौरान देशी-विदेशी पर्यटकों ने पहाड़ी खाने का लुत्फ उठाया। मेले में जहां पहाड़ी खाने के स्टॉल लगे थे जिसमें पहाड़ी दाल के पकौड़े, पहाड़ी खाने की थाली, सहित पहाड़ के उत्पाद मेले में आकर्षण का केंद्र रहे। वहीं मेले में उत्तराखंडी हस्तशिल्प के स्टाल में लोगों की भारी भीड देखी गई। पहाड़ी भोजन का लुत्फ ले रहे पर्यटकरू मेले में देशी विदेशी पर्यटकों ने पहाड़ी खाने का जमकर लुत्फ लिया. पंकज अग्रवाल ने कहा कि इस मेले में उन्होंने टिहरी का राजशाही भोजन देवलगढ़ कुजीनपरोसा है. जिसमें पासाई व सर्द अचारी सब्जी के साथ मंडुवे की रोटी पल्लर, दाल के पकोड़े, मीठा भात आदि परोसा जाता है. जिसे देशी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी पसंद कर रहे हैं. राजाओं के समय का भोजन आकर्षण उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि जो भोजन राजाओं के समय थे वह आम जनता को परोसे जाएं. इसी के तहत इसे कांसे की थाली में परोसा जा रहा है. उनका लगातार प्रयास रहता है कि वह प्रदेश के पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को देश के विभिन्न प्रदेशों में आयोजित होने वाले मेलों में प्रदर्शित करें, जिससे कि पहाड़ के व्यंजनों के साथ उत्पादों को लोग जानें और उनकी डिमांड बढ़े। उन्होंने बताया कि पिंडालू के कबाब, पतुंगे, कुलथ दाल, कबाब, आलू जखिया पराठा, कुलथी पराठा, छोले रोटी, गुच्छी, मशरूम बिरयानी, भांग की चटनी सहित भंगजीर, मडुआ आदि से बनी चॉकलेट व कोदे के आटे की कॉफी, झंगोरे की खीर आदि परोस रहे हैं.
इस मौके पर मेले के आयोजक ग्रीन लीफ संस्था के निदेशक विवेक वेणीवाल ने कहा कि छावनी क्षेत्र में लगने वाला लंढौर मेला दसवीं बार आयोजित किया जा रहा है। जिसमें आसपास के क्षेत्रों के पहाड़ी उत्पाद लाये जाते है व उन्हें मंच प्रदान किया जाता है साथ ही बड़े ब्रांड के स्टाल भी लगाये जाते हैं। मेले का उददेश्य उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढाना है साथ ही यहां के किसानों, को प्रोत्साहित करना है जिससे मेले के माध्यम से उन्हे बाजार उपलब्ध हो सके व उनकी आर्थिकी मजबूत कर सके। उन्होंने पर्यटकों को संदेश दिया कि पहाड़ की सुदंरता और र्प्यावरण का सरंक्षण करने के जिम्मेदारी सबकी है
छावनी परिषद लंढौर की सीईओ अंकिता सिंह ने कहा कि लंढौर मेला हर साल बढ़ता जा रहा है लोकल उत्पाद व पहाड़ी व्यंजन परोसे जा रहे हैं, उन्होंने पहली बार मेले में प्रतिभाग किया है यहां पर पहाड़ के विभिन्न क्षेत्रों के उत्पाद, आर्ट खानपान आदि रखे गये हैजो उनको काफी आक्रर्शित कर रही है। उन्होंने ग्रीन लाइफ का विशेष आभार व्यक्त किया व कहा कि आगे भी इस मेले को और अधिक उत्साह से मनाया जायेगा।
मसूरी व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी के प्राकृतिक सौंदर्य को देखना है तो लंढौर कैंट आने से पता चलता है, वहीं विगत वर्षाे में लंढौर विश्व व देश के पैमाने पर प्रचारित हुआ है व अब मसूरी में जितना पर्यटक आता है वह लंढौर जरूर आता है। उन्होने कहा कि इस तरह के मेलों से हमारी संस्कृति के साथ ही पहाड़ी खाने और पहाड़ी वस्त्रों को बढ़ावा मिलता है. छावनी परिषद द्वारा आयोजित लंढौर मेले में पर्यटक उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू हो रहे हैं. इस तरह के आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए.
मौके पर छावनी परिषद के अध्यक्ष ब्रिगेडियर संजोग नेगी, आईटीएम के निदेशक सत्य प्रकाश डबराल, महेश चंद पुष्पा पडियार, चंद्रकला सयाना, विजय लक्ष्मी काला, राजेश शर्मा, अतुल अग्रवाल, जोगिन्दर कुकरेजा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।