जाने क्या होता है मलमास; कब से होगा शुरू?
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सचिन शर्मा
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मलमास 15 दिसम्बर से - पंडित राज शर्मा
ज्योतिषाचार्य पंडित राज शर्मा ने बताया हिन्दू परंपरा में मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है, जब शुभ कार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ऐसी ही एक अवधि है- 'मलमास' जिसे 'खरमास' भी कहा जाता है।
जानें क्या होता है 'मलमास' :
जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रान्ति व मीन संक्रान्ति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं।
सूर्य के धनु राशि व मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही 'मलमास' या 'खरमास' कहा जाता है। 'मलमास' में सभी प्रकार के शुभ कार्य- जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत-उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं
कब तक रहेगा 'मलमास' :
इस माह दिनांक 15 दिसंबर 2024, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से सूर्य के गोचरवश धनु राशि में प्रवेश करने के कारण 'मलमास' प्रारंभ होगा, जो दिनांक 14 जनवरी 2025 माघ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि तक मान्य रहेगा। इस अवधि में 'मलमास' (खरमास) प्रभावी होने के कारण समस्त शुभ कार्यों का निषेध रहेगा।
मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को मलमास खत्म हो जाएगा। इसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे। 16 जनवरी से शहर में शहनाइयों की गूंज शुरू हो जाएगी। गृह प्रवेश, सगाई, मुंडन, जनेऊ संस्कार और कान छेदन, गृह निर्माण की शुरूआत के साथ नए व्यापार की शुरू कर सकते हैं। इस साल विवाह के 38 मुहूर्त हैं, लेकिन मई व जून में शहनाई नहीं गूंजेगी। मई व जून में विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं हैं। सबसे ज्यादा मुहूर्त फरवरी में हैं। इस महीने 11 मुहूर्त हैं। इस कारण बैंड बाजा, बारात की धूम रहेगी। 15 दिसंबर से मलमास शुरू हो जायेगा इससे शुभ कार्य बंद हो जायेंगे बाजार में भी खरीदारी कम हो जायेगी। मलमास खत्म होने पर बाजार में भी बूम आएगा। शादियों की खरीदारी बढ़ेगी, इससे बाजार में रौनक लौटेगी। ज्योतिषाचार्य पं. राज शर्मा का कहना है कि इस साल शादी के काफी शुभ मुहुर्त हैं। 15 जनवरी के बाद शुभ कार्य भी शुरू हो सकेंगे।
मलमास के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
1. नया घर खरीदना या गृह प्रवेश करना मना है।
2. नए व्यापार की शुरुआत न करें।
3. शादी, मुंडन, जनेऊ, सगाई आदि कार्य न करें।
4. 16 संस्कारों वाले कार्य करने की मनाही है।
मलमास के दौरान क्या करना चाहिए?
1. प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करें।
2. पक्षि और पशुओं की सेवा करें।
3. भगवान विष्णु और तुलसी पूजा करें।
4. जप, तप और दान का भी खास महत्व है।
5. गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करना जरूरी|