राष्ट्रीय गणित दिवस पर श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल में भव्य समारोह का आयोजन
हितेश चौहान
हरिद्वार। 22 दिसंबर 2024 को श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल, हरिद्वार में 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। यह दिन महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती की स्मृति में मनाया जाता है। इस विशेष अवसर के मुख्य अतिथि डॉ. तरुण कुमार गुप्ता, सहायक प्रोफेसर, गणित विभाग, चमन लाल महाविद्यालय, लंढौरा, हरिद्वार थे।
कार्यक्रम की झलकियां : समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। कार्यक्रम में छात्रों ने विभिन्न गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लिया। छात्रों ने गणित पर आधारित नाटक, नृत्य और गणितीय परिधानों में रैंप वॉक जैसी आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। इन गतिविधियों ने गणित के रोचक और व्यावहारिक पहलुओं को उजागर किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
विद्यालय के होनहार छात्रों ने गणित पर आधारित प्रोजेक्ट तैयार किए, जिनमें गणितीय अवधारणाओं को सरल और रचनात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया। इन प्रोजेक्ट्स को खासतौर पर बच्चों के अतिथि और उपस्थित गणमान्य लोगों द्वारा देखा और सराहा गया।
इस अवसर पर श्री चैतन्य ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी AGM अंशुल सक्सेना एसोसिएट AGM अमर प्रताप,प्रधानाचार्या मेघा गौतम,क्षेत्रीय प्रभारी राजन कुमार सिंह,कार्यकारी डीन बी. सनम , जोनल डीन चंद्रशेखर,अकादमिक डीन अरविंद सिंह उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि का संबोधन :
मुख्य अतिथि डॉ. तरुण कुमार गुप्ता ने अपने उद्बोधन में महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को गणित के प्रति प्रेरित करते हुए कहा, "गणित न केवल एक विषय है, बल्कि यह जीवन की चुनौतियों का समाधान खोजने का एक दृष्टिकोण भी है। रामानुजन का जीवन इस बात का प्रतीक है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।"
विद्यालय प्रशासन का धन्यवाद :
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्या मेघा गौतम ने सभी अतिथियों, छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए स्कूल प्रशासन और छात्रों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "यह कार्यक्रम छात्रों के भीतर गणित के प्रति रुचि जागृत करने और उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने में सफल रहा है।"
समापन
राष्ट्रीय गणित दिवस का यह भव्य आयोजन न केवल गणित के प्रति छात्रों की रुचि को बढ़ावा देने वाला रहा, बल्कि यह शिक्षा और संस्कृति के बीच एक सशक्त पुल के रूप में भी उभरा। उपस्थित सभी ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए इसे एक यादगार दिन करार दिया।