श्रीमद् भागवत कथा में कथा महात्म्य का वर्णन
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राजीव चंदन
देहरादून। अखिल भारतीय देवभूमि ब्राह्मण जन सेवा समिति देहरादून द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में आज कथा के दूसरे दिन कथा व्यास तनय कृष्ण सुलील श्रीधाम वृंदावन ने अपने श्री मुख से कथा की अमृत वर्षा की।
राजा परीक्षित की कथा
व्यास जी ने कहा कि जब राजा परीक्षित को सांप ने डस लिया तो उन्होंने पापों से मुक्ति के लिए श्री भागवत कथा का श्रवण किया जिसको सुनकर वह सीधे बैकुंठ धाम को गए।
मरना सिखाती है भागवत
उन्होंने कहा कि यदि राम कथा हमें जीना सिखाती है तो भागवत कथा के श्रवण से हमें कैसे कर्म करने चाहिए,कैसे हमारा उद्धार हो सकता है,यह सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि इस कलयुग का प्रत्यक्ष ग्रंथ है श्री भागवत कथा यदि भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने हो तो आप पवित्र भागवत में दर्शन कर सकते हैं जो भी भागवत कथा को श्रवण करता है भगवान श्री कृष्णा स्वयं उससे मिलने के लिए आते हैं भक्ति का जीवन कल्याणकारी हो जाता है।
जीवन को भोगने के लिए नहीं अभी तो भक्ति के लिए जीना चाहिए।मनुष्य को जीवन भोगने व विलासिता के लिए नहीं मिला है अपितु जीवन काल में भक्ति के माध्यम से प्रभु को पाने के लिए मिला है सदा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।
55 बच्चों ने ड्राइंग प्रतियोगिता में आज प्रतिभाग किया ।
कथा स्थल में आज ड्राइंग प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के लगभग 55 बच्चों ने प्रतिभाग कर सुंदर-सुंदर रचनाए बनाई। प्रतियोगिता का रिजल्ट 6 तारीख को घोषित किया जाएगा।
इस अवसर पर सर्वश्रीअरुण शर्मा अध्यक्ष श्रीमती रुचि शर्मा, सचिव सुशील शर्मा ,उपाध्यक्ष रजत शर्मा, कोषाध्यक्ष जयकुमार, भारद्वाज, संजय गर्ग सेवादल, अभय उनियाल निशा शर्मा संगठन मंत्रीविद्या भारद्वाज प्रचार मंत्री रचना शर्मा अनीता शर्मा आशीष कौशिक अभिषेक भारद्वाज वासु वशिष्ठ अर्पित शर्मा अजय वशिष्ठ आदि उपस्थित रहे।