एंटी ड्रग सेल समिति ने बीएसएम पीजी कॉलेज के छात्र-छात्राओं को नशे के खिलाफ किया जागरूक
अंशु वर्मा/गीतेश अनेजा
रूड़की। 15 जनवरी, दिन बुधवार को बीoएसoएमo(पीoजीo) कॉलेज, महाविद्यालय में एंटी ड्रग सेल समिति के द्वारा नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को नशे के नुकसान के बारे में बताया गया। नशे से होने वाले दुष्परिणाम व युवा वर्ग में फैल रही विकृति को कैसे रोका जाए इस पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही इस कार्यक्रम में ‘नशे को ना कहे’ का संदेश कोने-कोने तक फैलाने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया गया।
इस अवसर पर कॉमर्स विभाग के डॉक्टर भरत अरोड़ा ने बताया कि नशा एक ऐसी समस्या है, जिसकी जड़े ज्यादातर घरों तक पहुंच चुकी है। यह बुराई विकराल रूप धारण कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज से इसे उखाड़ फेंकने के लिए हम सभी को अपना योगदान देना होगा। हम इस मुहिम के तहत लोगों को जागरूक करेंगे और ऐसे लोगों को रोल मॉडल बनाएंगे जो इसकी गिरफ्त से बाहर आ चुके हैं। सबसे अधिक युवा इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति के जीवन को नष्ट कर देता है, वही नशा करने वाला व्यक्ति अनेक व्याधियों से घिरकर अल्प आयु को प्राप्त हो जाता है। अतः नशा मुक्ति अभियान स्कूलों व कॉलेजो में चलाया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी नशे के प्रति जागरूक होकर अपने भविष्य को संवार सके।
इस अवसर पर बीoएसoएमo संस्थान के निदेशक श्री रजनीश शर्मा ने छात्र-छात्राओं को संदेश दिया कि हमें संकल्प करना चाहिए कि हम एक नए विचारों का समाज बनाएं जिसमें इन सामाजिक बुराइयों का कोई स्थान ना हो। जो व्यक्ति नशेड़ी है कोशिश करें कि उसकी यह लत छुड़ाएं तथा एक अच्छे समाज का सदस्य होने के नाते उनके कठिनाई भरे जीवन पर बुरे कमेंट करने के बजाए उनका इस बुराई से पीछा छुड़ाने में मदद करें। अपने समाज के लोगों को भी जागरूक करें।
महाविद्यालय के प्राचार्य मेजर प्रोफेसर गौतम वीर ने छात्र-छात्राओं को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए कहा कि देश का युवा वर्ग आज नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है। इसका कारण है सहनशक्ति की कमी। युवा वर्ग आजकल बहुत जल्दी अपना हौसला खो देते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि वह डिप्रेशन में चले जाते हैं और फिर वह नशे की गिरफ्त में फंस जाते हैं। अतः माता-पिता को भी चाहिए कि वह अपने बच्चों को हालात से लड़ना सिखाएं और उन्हें मजबूत बनाएं। युवा वर्ग की कमजोर सोच का फायदा उठाते हुए नशे के व्यापार में लगे हुए लोग उन्हें नशे के लिए प्रेरित करने लग जाते हैं। अतः युवा अपने आप को मजबूत बनाएं और गलत संगति से बचे। अगर कोई भी परेशानी है तो अपने माता-पिता के साथ भी शेयर जरूर करें। उन्होंने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को अपने घर परिवार व जान पहचान वालों को नशे से होने वाले नुकसान के संबंध में बताना चाहिए जिससे कोई घर बर्बाद ना हो।
एंटी ड्रग सेल की नोडल अधिकारी डॉक्टर अलका तोमर ने छात्र-छात्राओं को मोटिवेट किया और बताया कि नशे की लत का इलाज करने के लिए कई प्रकार के इलाज उपलब्ध है जैसे कि व्यवहार थेरेपी, संज्ञानात्मक थेरेपी और दवाइयां। नशे की लत से पीड़ित लोग एक साथ मिलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा करके भी इससे निजात पा सकते हैं। परिवार और दोस्तों का समर्थन नशे की लत से उबरने में बहुत महत्वपूर्ण होता है। स्वस्थआहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लेने से नशे की लत से उबरने में मदद मिल सकती है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक गण श्रीमती जयमाला गौतम, डॉक्टर शिखा जैन, डॉक्टर रीमा सिन्हा, डॉक्टर इंदु अरोड़ा, डॉक्टर सुनीता कुमार, डॉक्टर संदीप पोशवाल, डॉक्टर सुरजीत सिंह, शैफाली शर्मा, कीर्ति बिष्ट, वंशिका त्यागी, सौरभ कुमार आदि उपस्थित रहे।
इस मौके पर वंश कुमार, अंश मल्होत्रा, मोo उमेर, शीतल सैनी, राही, दिशा रोर, आदित्य, अबरार, भावना पाटिल, साक्षी आदि छात्र-छात्राओं का योगदान रहा।