एआई के इस युग में नैतिकता की भी जरूरत - डॉ. चिन्मय पंड्या
सचिन शर्मा
हरिद्वार, 6 अप्रैल। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आस्था एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए स्थापित आयोग के एशिया क्षेत्र के आयुक्त डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं के अनुरूप ही समाज का समग्र विकास करना है। आज एआई के बढ़ते प्रयोग से समाज की संरचना में बदलाव दिखाई दे रहा है, मानवीय मूल्यों पर इसका संतुलित रूप से असर हों, इस हेतु सभी को जागरूक होना होगा, जिससे हमारी भावी पीढ़ी को नकारात्मक प्रभाव से बचाया जा सके।
देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ पण्ड्या ने दीनदयाल शोध संस्थान दिल्ली द्वारा आयोजित बारहवें नानाजी स्मृति व्याख्यान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सामाजिक प्रभाव विषय पर संबोधित कर रहे थे। इस व्याख्यानमाला का उद्देश्य समाज के समक्ष मौजूदा समसामयिक चुनौतियों पर चर्चा करना और उनके समाधान की दिशा में विचार-विमर्श करना है। युवा आइकान ने कहा कि वर्तमान में एआई केवल तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं है बल्कि यह शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग और सुरक्षा सहित अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। हालांकि, इसके साथ ही नैतिकता, गोपनीयता, डेटा सुरक्षा तथा रोजगार पर इसके प्रभाव को लेकर कई चिंताएँ भी सामने आ रही हैं। हमें इस पर अभी से सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
युवा आइकॉन डॉ. पंड्या ने युगऋषि परम पूज्य आचार्यश्री के वैज्ञानिक अध्यात्मवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय वैज्ञानिक अध्यात्मवाद और आधुनिक तकनीक के समन्वय से एक नए युग का नैतिक नेतृत्व कर रहा है, इस दिशा में देसंविवि में स्थापित कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान केंद्र एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एकआई के नैतिक और मानवीय उपयोग पर शोध कर रहा है।
नानाजी देशमुख की स्मृति में आयोजित इस व्याख्यानमाला में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी महानिदेशक, रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) सहित देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, नीति-निर्माता एवं तकनीकी विशेषज्ञों ने भी एआई पर अपने-अपने विचार रखें।
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देश विदेश के साधकों ने इदं न मम के भाव से नवरात्र साधना की पूर्णाहुति
शांतिकुंज में साधकों ने 27 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में अनुष्ठान की पूर्णाहुति की
हरिद्वार 6 अप्रैल।
नवरात्र साधना के अंतिम दिन देश विदेश से आये साधकों सहित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में साधकों ने इदं न मम के भाव से अपनी-अपनी गायत्री अनुष्ठान की पूर्णाहुति की। महिला मण्डल की बहिनों ने हवन के बाद कन्या भोज के साथ नवरात्र साधना का समापन किया। इस अवसर पर शांतिकुंज परिसर में बहिनों ने 27 कुण्डीय तथा देसंविवि परिसर में छात्रों ने 9 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ सम्पन्न कराया, जिसमें साधकों ने कई पारियों में हवन कर प्राप्त ऊर्जा को जनहित में लगाने का संकल्प लिया। वहीं शांतिकुंज परिवार ने रामजन्म महोत्सव पर भव्य रैली निकाली, जिसे महिला मण्डल की प्रमुख श्रीमती शैफाली पण्ड्या एवं व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने हरि झंडी दिखाकर रवाना किया।
शांतिकुंज के मुख्य सत्संग हॉल में आयोजित साधकों को संबोधित करते हुए शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता ने साधना से प्राप्त ऊर्जा को समाज के हित में लगाने का आवाहन किया। इस अवसर नवरात्र अनुष्ठान में आये साधकों ने गायत्री परिवार द्वारा संचालित हो रहे विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों को गति देने का संकल्प लिया।
हुए विभिन्न संस्कार - शांतिकुंज के आचार्यों के संचालन में श्रीरामनवमी के पावन अवसर पर पुंसवन, नामकरण, मुण्डन, जनेऊ, गुरुदीक्षा आदि संस्कार बड़ी संख्या में निःशुल्क सम्पन्न कराये गये।