शिक्षा मंत्री ने कई घंटे इंतजार कराकर अभ्यर्थिनीयों को किया नज़रअंदाज़
शिक्षक भर्ती:चयनित अभ्यर्थिनीयों को नियुक्तिपत्र न मिलने पर शिक्षा मंत्री से मिलने पहुँची महिला अभ्यार्थी,
शिक्षा मंत्री ने कई घंटे इंतजार कराकर अभ्यर्थिनीयों को किया नज़रअंदाज़
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सचिन शर्मा
देहरादून।शिक्षक भर्ती में चयनित सैकड़ो महिला अभ्यार्थीयों को आरक्षण के तहत नियुक्ति पत्र न दिए जाने पर नाराज़ अभ्यार्थीयां सोमवार को शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से मिलने शिक्षा निदेशालय पहुँची। जिसमें महिला अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय परिसर में अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया मगर शिक्षा महानिदेशक झरना कम्ठान ने अभ्यर्थिनीयों से अभद्र भाषा में बात की और पुलिस बुलाकर परिसर से बाहर कर दिया। जिसके बाद महिला अभ्यार्थी परिसर के बाहर अपने मासूम बच्चो के साथ सुबह से शाम 4 बजे तक मंत्री से मिलने का इंतजार करती रही। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा निदेशालय पहुँच कर महिला अभ्यर्थियों को कार्यक्रम के बाद मिलने का आश्वासन दिया और शाम 6 बजे तक इंतजार कराकर उन्हें नज़रअंदाज़ करते हुए निकल गए। अभ्यर्थिनीयों ने मंत्री की गाड़ी को हाथ देकर उनसे बात करने का प्रयास किया और अपने बच्चो के साथ गाड़ी के पीछे-पीछे चलती रही मगर मंत्री नज़रअंदाज़ करते हुए निकल गए। महिला अभ्यार्थीयों ने बताया की शिक्षक भर्ती में उन्हें चयन किया गया है और तीन बार एस.सी, एस. टी व ओबीसी में उनकी कॉउंसलिंग भी कराई गई है। जिसके बावजूद भी हमें आरक्षण के तहत नियुक्तिपत्र नही दिया गया है जोकी महिला अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में शादी के बाद यहाँ की मूल निवासी है। अभ्यर्थिनीयों ने कहा कि हमारे निवास प्रमाण पत्र से लेकर राशनकार्ड तक यही के है और बिजली के कनेक्शन तक हमारे नाम पर है। हमें शादी के बाद अपने बच्चों का पालन पोषण यही पर करते हुए जीना व मरना है और यही पर वोट देकर विधायक, सांसद व मंत्री को चुनना है फिर हमारे आरक्षण को क्यों छीना जा रहा है। यह हमारा मानसिक शोषण कर रहे है अगर इनको हमें नियुक्ति नही देनी थी तो हमें कॉउंसलिंग में शामिल क्यों किया गया है। एससीईआरटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पहुँची विधायक ममता राकेश ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया था मेरी इस संबंध में मंत्री से बात हुई है। उन्होंने 5 दिन तक आप के पक्ष में फ़ैसला आने का आश्वासन दिया है। विधायक के इस आश्वासन से संतुष्ट होकर महिला अभ्यर्थी अपने बच्चो को लेकर निदेशालय से अपने-अपने स्थानीय निवासों के लिए निकल गई।