नेत्रदान महादान की टीम ने मृत तीन महिला पुरुष के करवाए नेत्रदान
नेत्रदान महादान की टीम ने मृत तीन महिला पुरुष के करवाए नेत्रदान
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सचिन शर्मा
हरिद्वार।असुर राज को समाप्त करने के लिए महर्षि दधीचि ने अपनी अस्थियां प्रदान की थीं। इसी प्रेरणा से अब लोग मृत्यु के बाद अपने परिजनों के नेत्रदान के लिए आगे आ रहे हैं, जिससे कार्निया के अंधत्व को समाप्त किया जा सके। गत सप्ताह तीन व्यक्तियों की मृत्यु के बाद उनके परिवारजनों द्वारा नेत्रदान कराए गए।नेत्रदान कार्यकर्ता और लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग के अनुसार, चंद्रेश्वर नगर निवासी तपन मजूमदार के निधन पर मधुसूदन सरकार की प्रेरणा से उनके परिजनों ने नेत्रदान किया। इसी प्रकार, हरिद्वार निवासी विक्रम गुलाटी ने श्रीमती विमला गंभीर के निधन पर उनके पुत्र अमन गंभीर को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया और नेत्रदान कराया। वीरभद्र निवासी श्रीमती पवन खुराना के निधन पर उनकी पुत्री ऋचा खुराना और विवेक खुराना ने अपनी मां के नेत्रदान का निर्णय लिया और नेत्रदान महादान की टीम को सूचित किया। सूचना मिलते ही ऋषिकेश आई बैंक एम्स अस्पताल की रेस्क्यू टीम, जिसमें डॉ. सान्या प्रियंका, बिंदिया भाटिया, राजेश अरोड़ा और ईश्वर शुक्ला शामिल थे, उनके निवास पर पहुंची और दोनों कार्निया सुरक्षित प्राप्त किए।नेत्रदान महादान हरिद्वार-ऋषिकेश के प्रेस प्रवक्ता अशोक कालड़ा के अनुसार, यह मिशन अब तक 363 व्यक्तियों का नेत्रदान करवा चुका है और भविष्य में भी यह कार्य निरंतर चलता रहेगा।