अलगाव की गूँज,विभाजन साहित्य की आवाज़ें पर हुआ सेमिनार का आयोजन
अलगाव की गूँज,विभाजन साहित्य की आवाज़ें पर हुआ सेमिनार का आयोजन
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अंशु वर्मा
हरिद्वार।श्री सनातन धर्म प्रकाशचंद कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रुड़की में अंग्रेजी विभाग द्वारा इकॉज़ ऑफ़ सेपरेशन: वॉयसेस फ्रॉम पार्टीशन लिटरेचर/ "अलगाव की गूँज: विभाजन साहित्य की आवाज़ें” विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया।सेमिनार की संयोजिका एसोसिएट प्रोफेसर डॉ भारती शर्मा ने सेमिनार का उद्देश्य बताते हुए कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप के विभाजन के दौरान और उसके बाद की कहानियों और साहित्यिक रचनाओं पर चर्चा करना व NEP-20 निर्देशित पाठ्यक्रम संबंधी शोध परियोजना की अंडरग्रैजुएट छात्राओं के मध्य समझ व रुचि उत्पन्न करने के साथ-साथ शोध पत्र लिखने व प्रस्तुत करने की कला का सृजन करना है।
यह सेमिनार वर्तमान युवा वर्ग के मध्य विभाजन के गहरे घावों और उन पर आधारित साहित्य के माध्यम से अतीत की जटिलताओं को समझने का प्रयास भी रहा:
वतन परस्ती की रौ ऐसी जली कि
बस्तियां कारवां जल उठे
इंतहा-ए-सितम इस कदर था कि
मेरे उसूल के लिए मैंने खुद को ही मार डाला।
छात्राओ को संबोधित करते हुए महाविद्यालय प्राचार्या प्रोफेसर अनुपमा गर्ग ने कहा कि विभाजन न केवल एक राजनीतिक घटना थी, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में अमिट छाप छोड़ने वाली एक व्यक्तिगत त्रासदी भी थी। इस ऐतिहासिक घटना से जुड़े साहित्य ने इन कहानियों को संवेदनशीलता और सजीवता से चित्रित किया है। इस सेमिनार के माध्यम से, विभिन्न विभागों की विषय परिषदों से जुड़ी व अंग्रेजी विषय परिषद की छात्राओं ने साहित्यकार, शोधकर्ता और इतिहासकार, विभाजन से जुड़े विभिन्न साहित्यिक दृष्टिकोणों पर विचार-विमर्श किया और वर्तमान में उनके प्रासंगिकता पर चर्चा भी की।सेमिनार में छात्राओं द्वारा अमृता प्रीतम, सआदत हसन मंटो, अमृता प्रीतम बांपसी सिधवा, ख्वाजा अहमद अब्बास, कृष्णा सोबती और भी कई महत्वपूर्ण लेखकों की रचनाओं का विश्लेषण किया गया व शोध की दृष्टि से छात्राओं ने कुछ अभिनव प्रयास भी किये। साथ ही, साहित्य के माध्यम से उन असंख्य अनसुनी आवाज़ों और अनुभवों पर प्रकाश डाला, जो इतिहास के पन्नों में अक्सर अनदेखी रह जाती हैं।इस आयोजन का उद्देश्य न केवल विभाजन की त्रासदी को साहित्यिक दृष्टि से समझना है, बल्कि वर्तमान समाज में इसकी प्रासंगिकता और इससे जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा करना है।उत्कृष्ट शोध पत्र प्रस्तुत करने वाली प्रतिभागी छात्राएं व उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए शोध पत्र :
उत्कृष्ट पत्र हेतु पुरस्कृत :
1 मिस शगुन सैनी : फेमिनिस्ट पर्सपेक्टिव एंड सिनेमैटिक एडॉप्शन रिगार्डिंग पार्टीशन
2 मिस गुंजन व मिस प्रज्ञा “ सिनेमैटिक एडॉप्शन आफ ट्रेन टु पाकिस्तान: ब्लड ओंन द ट्रेक्स
3 मिस रेशमा: “बॉर्डर्स ऑफ़ ब्लड : ह्यूमैनिटी एमिड ट्रेन टु पाकिस्तान “
4 मिसेज प्रियंका :“लव इन द टाइम आफ डिवीजन ग्लिंपसेज़ फ्रॉम पार्टीशन लिटरेचर सेमिनार में उपस्थित प्रवक्ता वृदं डॉ अलका आर्य, डॉ० कामना जैन, डॉ०अर्चना चौहान, मिस काजल, मिस शिल्पा इत्यादि रहे।