विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय प्रांतीय बैठक संपन्न
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राजीव चंदन
देहरादून। विश्व हिंदू परिषद की दो-दिवसीय प्रांतीय बैठक नैनीताल भवाली स्थित हिमालय योगा सेंटर पर सम्पूर्ण हुई।
विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रांत बैठक दिनांक 22 व 23 फरवरी नैनीताल भवाली स्थित हिमालय योगा सेंटर पर सम्पूर्ण हुई।
बैठक का शुभारंभ भारत माता व श्री राम दरबार चित्र के समक्ष शलैन्द्र कुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रांत प्रचारक दिनेश उपाध्याय जी केन्द्रीय अधिकारी विश्व हिंदू परिषद ,प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया
दो दिवसीय चली इस बैठक का महत्वपूर्ण विषय विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश पदाधिकारी द्वारा रखें गए जो की विश्व हिन्दू परिषद केन्द्रीय प्रत्यासी मण्डल बैठक प्रयागराज के महत्वपूर्ण विषय उत्तराखंड के सभी जिलों के उपस्थित विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल कार्यकारिणी के सामने रखें एवं प्रदेश में संगठन कार्य बढ़ाने के लिए नवीन दायित्वों की घोषणा की गई जिसमें देहरादून से विशाल चौधरी को विश्व हिंदू परिषद जिला मंत्री, अनुज वर्मा को प्रांत सहसंपर्क प्रमुख विकास नगर जिले के संयोजक की कमान शेखर बंसल , विहिप मंत्री रमेश ढोंडियाल, देहरादून उत्तर जिले से विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष के नाते डॉक्टर माधव मैठानी, सह मंत्री राजा वर्मा बजरंग दल से संयोजक करण कनौजिया यह सब दायित्व नवीन घोषणाओं के साथ दिए गए
बैठक प्रस्ताव
जनसंख्या असंतुलन, परिवारों में विखंडन और नशाखोरी रोकने के लिए हिंदू युवाओं का आह्वान
वर्तमान समय में हिन्दू समाज अनेक सामाजिक, सास्कृतिक और जनसाविशीष चुनौतियों से जूझ रहा है। विशेष रूप से नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, घटती जनसंख्यों दर, देरी से विवाह, परिवारों का हिन्दू संस्कारों से दूर होना और विखंडन जैसी गंभीर समस्याएँ उभर रहीं हैं।
यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं निकाला गया तो ये हिन्दू समाज की स्थिरता और अधि के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। विश्व हिन्दू परिषद का प्रन्यासी मंडल व प्रबंध समिति आह्वान करती है कि इन चुनौतियों का सामन करने व उनकी परास्त करने के लिए हिन्दू युवाओं को तत्पर होना पड़ेगा। देश के सामने जब भी चुनौतियों आई है. युवा शक्ति ने ही उन्हें बार बार परास्त किया है।
जनसंख्या असंतुलन हिन्दू समाज के अस्तित्ल के लिए भातक सिद्ध होता जा रहा है 1951 में भारत में हिन्दुओं की जनसंख्या 84% थी जो अब घटकर 78% रह गई है। हिन्दुओं की औसत प्रजनन दर 19 हो गई है जो जनसंख्या स्थिरता की दर. 2.1 से भी कम है। देरी से विवाह और उज्वल भविष्य की भ्रामक अवधारणा के कारण हिन्दू दंपत्तियों के बच्चे कम हो रहे हैं। बच्चों को जन्म देना या कम करने की प्रवृत्ति केवल हिन्दू समाज के अस्तित्व के लिए ही नहीं, अपितु परिवार के सुखी एवं सुरक्षित भविष्य के लिए संकट बन चुकी है। मनोवैज्ञानिक, चिकित्सकों व समाज शासिंहयों ने इस तथ्य को स्थापित किया है। यदि बच्चों का सम्पूर्ण विकास करना है तो प्रत्येक परिवार में दो या तीन बच्चे अवश्य होने चाहिए। इस परिस्थिति से बचने के लिए हिंदू युवाओं को उपयुक्त आयु में विवाह करना आज की आवश्यकता है। उपयुक्त आयु में विवाह ना होने के कारण जन्म-दर में गिरावट हो रही है और परिवार का भविष्य संकट में पड़ रहा है।
उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दिलाने के लिए अपने बच्चों को बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों में प्रवेश दिलाने की प्रतिस्पर्धा लगी है। इनकी ऊंची फीस के कारण शिक्षा की लागत बढ़ती है और परिवारों को छोटा रखने को विवश करती है।
हिन्दू संस्कारों पर आधारित परिवार व्यवस्था ही सुखी जीवन को सुनिश्चित कर सकती है। आत्मकेंद्रित भौतिकवाद के कारण हम अपने संस्कारों की अनदेखी कर रहे हैं। अर्बन नक्सलपंधी एवं ग्लोबल कॉर्पोरेट समूह युवाओं को संस्कार विहीन करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। परिवार विखंडित हो रहे हैं। बच्चों व बुजुर्गों के सामने सामाजिक सुरक्षा की समस्या उत्पन्न हो रही है।
विवाह संस्था, जो सुदृढ़ समाज का आधार है. वह संकट में पड़ रही है। इस विषय पर माननीय सर्वोच्च न्यायलय भी चिंता व्यक्त कर चुका है। परिवारों के प्रति भ्रांत धारणा के कारण ही विवाहेत्तर सम्बन्ध, लिव-इन सम्बन्ध व असीमित भोग के कई प्रकारों के प्रति आत्मघाती आकर्षण बढ़ रहा है।
युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति एक गम्भीर संकट के रूप में देश के सामने आ रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 16 करोड़ लोग, जिनमें अधिकांश युवा है, किसी ना किसी नशे के शिकार हो चुके हैं। शिक्षण संस्थानों, सीमावर्ती क्षेत्रों सहित सम्पूर्ण देश में नशाखोरी हिन्दू युवाओं की शारीरिक, बौद्धिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक जड़ों को कमजोर कर रही है। इससे समाज में अपराध, बेरोजगारी ओर पारिवारिक विघटन की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। इस षड्यंत्र में विदेशी आतंकवादी, अन्तर्राष्ट्रीय ड्रग माफिया और भारत के कई माफिया समूह संगठित रूप से सम्मिलित हैं।
विश्व हिन्दू परिषद का प्रन्यासी मंडल एवं प्रबंध समिति इस परिस्थिति पर घोर चिंता व्यक्त करती है और युवा हिन्दू पीढ़ी को आह्वान करती है कि वे हिन्दू समाज को कमजोर करने के इन षड्यंत्रों को परास्त करने के लिए कृत संकल्प हों। देश के चिंतकों, समाज शास्त्रियों, शिक्षा शास्त्रियों, सामाजिक धार्मिक संगठनो व पूज्य संतो से भी यह निवेदन करती है कि वे अपने अपने प्रभाव क्षेत्रों में इन सभी विषयों पर जनजागृति अभियान प्रारम्भ करें।
भारत की केंद्र व राज्य सरकारें, हिन्दू समाज व राष्ट्र के समक्ष उपस्थित इस गंभीर विषय की गंभीरता को समझे मनोरंजन व संचार माध्यमों पर उचित नियंत्रण स्थापित कर उन्हें हिंदू संस्कारों को अपमानित करने व अनियंत्रित उपभको प्रोत्साहित करने से रोकना चाहिए। शिक्षा संस्थानों को मनमानी फीस लेने से रोकने हेतु कठोर प्रावधान बनाने चाहि नशे के व्यापार में लिप्त इस अपवित्र गठ-जोड़ पर कठोर नियंत्रण करें, शिक्षा शास्त्रियों, कथावाचकों, पूज्य संत सामाजिक धार्मिक संगठनों का सहयोग लेकर उपरोक्त विषयों पर जनजागरण करें। हिन्दू संस्कारों व समाज वि दुषाचार को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएं।
बैठक से पूर्व उत्तराखंड के सभी जिलों के मंत्री व सहमंत्रियो का दो दिवसीय अभ्यास वर्ग भी आयोजित किया गया था संगठन के विस्तार योजना व आगामी कार्यक्रमो पर वरिष्ठ पदाधिकारीयो के द्वारा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया पूर्व में हुए सभी कार्यक्रमों का वृत निवेदन लिया गया प्रांत में आगामी संगठनात्मक कार्यों की योजना व विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल ,दुर्गा वाहिनी के समय-समय पर कार्यकर्ता प्रशिक्षण के लिए होने वाले वर्गों की दिनांक व संगठनात्मक सामाजिक विषय दिए गए जिन्हें उत्तराखंड के सभी जिलो प्रखंड ग्राम खंड तक पहुंचा कर उन पर कार्य करना है
उपस्थित प्रांत पदाधिकारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र कुमार प्रांत संयोजकअनुज वालिया, विहिप प्रांत अध्यक्ष रविदेव आनंद विहिप कार्यकारी अध्यक्ष चिंतामणि सेमवाल, प्रांत मिलन प्रमुख बजरंग दल विकास वर्मा, मातृशक्ति प्रांत प्रमुख नीता कपूर,संध्या दीदी, प्रीति शुक्ला व अन्य प्रांत विभाग व जिले के पदाधिकारी उपस्थित रहे।