राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री,मंत्रियों और विधायकों को सौंपे ज्ञापन
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के ज्ञापन कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री सीता राम पोखरियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी,तमाम मंत्रीगणों और सभी 70 विधायकों को पुरानी पेंशन बहाली हेतु ज्ञापन सौंपे,ज्ञापन में एनपीएस, यूपीएस के साथी ओपीएस का विकल्प देने का अनुरोध किया गया,राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.पी.सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड की कार्यकारिणी लगातार संघर्ष कर रही सरकार को उनकी मांग को अनदेखा नहीं करना चाहिए,प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि ज्ञापन कार्यक्रम पुरानी पेंशन बहाली की रणनीति के तहत गांधीवादी तरीके से पूर्व में भी चलाया गया है,सरकार अपने विधायकों की पेंशन और भत्तों को तो बढ़ा रही है किंतु कर्मचारियों की सुध नहीं ले रही है,प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी को छीनने का काम किया है,40 वर्ष सरकार की सेवा करने के बाद उनको अनाथ की तरह छोड़ा जा रहा है जो कि एक अमानवीय व्यवहार है,प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने कहा कि विधायक एक दिन के लिए भी अगर बनता है तो उसे पुरानी पेंशन का लाभ मिलता है और यदि कोई विधायक एक बार से अधिक चाहे जितनी बार भी चुना जाता है वह उतनी ही बार की अलग अलग पेंशन लेता है और जो कर्मचारी 60 वर्ष तक सरकार के लिए अपना जीवन खपाता है उसे 800 -1200 की पेंशन दी जा रही है,यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कर्मचारियों की पेंशन को सरकार बोझ बता रही है,प्रदेश महामंत्री सीता राम पोखरियाल ने कहा कि पूर्व में भी सांसदों,विधायकों को अनेकों बार ज्ञापन दिया गया है लेकिन अफसोस है कि कर्मचारियों की मांग को सरकार अनदेखा कर रही है,पोखरियाल ने बताया कि कई विधायकों द्वारा पेंशन की मांग को जायज भी ठहराया जा रहा,कहा कि यदि NPS और यूपीएस इतनी अच्छी है तो सभी माननीयों की पुरानी पेंशन बंद करके उनके लिए भी यही स्कीम लागू होनी चाहिए,सरकार कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है,अपनी पेंशन और वेतन भत्ते बढ़ाने के लिए सभी माननीय एक हो जाते हैं,जबकि कर्मचारियों की मांग पर चुप्पी साध लेते हैं, जयदीप रावत ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. पी सिंह के नेतृत्व मे 23 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर में एक विशाल महारैली की तैयारी चल रही है,यदि सरकार शीघ्र कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो अब समय आ गया है कि कर्मचारी उत्तराखंड में उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होंगे,वर्तमान में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड को समस्त मान्यता प्राप्त महासंघों और घटक संगठनों का समर्थन प्राप्त है,मंडलीय मंत्री नरेश भट्ट ने कहा कि दिल्ली की रैली के लिए सभी कर्मचारियों ने जोर लगा दिया है,उत्तराखंड में पुरानी पेंशन का आंदोलन अब निर्णायक रुख लेगा,इसके लिए लगातार सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है।