उत्तराखण्ड के निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के भूमि भवन एवं मान्यता मानकों की हो जांच - कुशलानाथ
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर के आरटीई एवं आरटीआई कार्यकर्ता कुशलानाथ ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत उत्तराखंड सरकार से उत्तराखंड में निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की प्री-प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट स्कूलों की उच्च स्तरीय समिति से निम्न विषयों की जांच की जाए। इस संबंध में कुशलानाथ द्वारा सीएम हेल्पलाइन में ईमेल से अवगत करा दिया गया।
1- उत्तराखंड प्रदेश में वर्तमान समय में अधिकतर स्कूल आरटीई एक्ट 2009 एवं नियमावली 2011 के तहत मानकों को पूर्ण नहीं करते हैं इन स्कूलों की शिक्षा विभाग उच्च स्तरीय समिति से जांच करवाई जाए।
2- उत्तराखंड प्रदेश में सभी निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में पीटीए का गठन हो।
3- निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में प्रति कक्षा प्रति सेक्शन में 30 से 35 बच्चों से अधिक ना हो।
4- उत्तराखंड में निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में किताब काफी एवं ड्रेस बेचने पर पूर्णत प्रतिबंध लगाया जाए।
5- उत्तराखंड में निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के स्कूल बसों में महिला कंडक्टर एवं बसो मे जीपीएस सिस्टम लागू हो।
6- उत्तराखंड में समस्त प्राइवेट स्कूलों में खेल मैदान की सुविधा हो।
7- उत्तराखंड में निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों री एडमिशन शुल्क पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
8- उत्तराखंड में निजी एवं प्राइवेट स्कूलों द्वारा लगभग 3 वर्ष बाद ही ड्रेस किताबें इत्यादि बदलने के आदेश एवं निर्देश दिए जाए।
9- उत्तराखंड में प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी के नेतृत्व में फीस निर्धारण समिति बनाई जाए जिसे हर वर्ष स्कूल में अध्यनरत छात्र छात्रों के अभिभावकों पर अनावश्यक फीस का भार बढ़ाया जाए।
10- उत्तराखंड में निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारी वेतन निर्धारण समिति जिला अधिकारी के नेतृत्व में बनवाकर शासन स्तर से गाइडलाइन जारी करने की कृपा की जाए। आरटीआई कार्यकर्ता कुशलानाथ ने मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया है कि उत्तराखंड प्रदेश में 2011 से आरटीई कानून लागू है अधिकतर निजी एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के द्वारा आरटीई एक्ट 2009 नियमावली 2011 के तहत मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा है उक्त मांग को पूर्ण करवाने के लिए शासन स्तर पर जिलाधिकारी के माध्यम से उच्च स्तरीय समिति बनवाकर समस्त स्कूलों की भूमि भवन विषय मानको की जांच करने की शीघ्र समाधान कर कार्यवाही करें। अतः निजी एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों के समस्त अभिभावक गण आपके आभारी रहेंगे।