शास्त्र महाकुंभ में जुटेंगे देशभर के छात्र
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
देवप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव हरिद्वार में 18 मार्च से आरंभ हो रहा है। संस्कृत के विभिन्न शास्त्रों की राष्ट्रीय स्तरीय स्पर्धा में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के वे छात्र भाग लेंगे,जो राज्य स्तरीय परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर चुके हैं। इसके उद्घाटन अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह मुख्य अतिथि होंगे,जबकि समापन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री उपस्थित रहेंगे। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.श्रीनिवास वरखेड़ी ने बताया कि इस स्पर्धा में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सभी परिसरों तथा आदर्श संस्कृत महाविद्यालयों के प्रतिभागी छात्र भाग लेंगे। लगभग 34 शास्त्रीय स्पर्धाओं में लगभग एक हजार प्रतियोगी भाग ग्रहण करेंगे तथा सौ से अधिक विद्वान इन प्रतियोगिताओं के निर्णायक होंगे। स्पर्धाएं हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होंगी। पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण जैसी महान हस्तियां इस गरिमामय कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएगे। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.वरखेड़ी ने बताया कि 18 से 21 मार्च तक हरिद्वार में तीन गंगाओं की त्रिवेणी विद्यमान रहेगी। मां भगवती गंगा के साथ ही यहां शास्त्र गंगा और योग गंगा भी प्रवाहित होगी। इस संस्कृत शास्त्र महाकुंभ के आयोजन पहले दिन वहां शास्त्र सभा का आयोजन किया जाएगा। आचार्य देवदत्त पाटिल की अध्यक्षता में यह शास्त्री गोष्ठी आयोजित की जाएगी। इसके बाद उत्तराखंड के राज्यपाल महामहिम गुरमीत सिंह कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। इन चार दिनों में देश के कोने-कोने से विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आये छात्र यहां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र शास्त्र यात्रा का भी आयोजन करेंगे। समापन कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुकांता मजूमदार अतिथियों की भूमिका में रहेंगे। प्रो.वरखेड़ी ने बताया कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के विभिन्न अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित होने वाले इस शास्त्र महोत्सव की तैयारी कर ली गयी है। प्रतियोेगताओं का आयोजन पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव,कुलपति आचार्य बालकृष्ण तथा पतंजलि विश्वविद्यालय की निदेशक प्रो.साध्वी देवप्रिया के सहयोग से किया जा रहा है। कुलपति प्रो.वरखेड़ी ने बताया कि इस अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव में काव्यकंठपाठ,अष्टाध्यायी कंठपाठ,सुभाषितकंठपाठ,शास्त्रीयस्फूर्तिस्पर्धा,व्याकरण शलाका परीक्षा,साहित्य शलाका परीक्षा जैसी 34 प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। प्रथम,द्वितीय तथा तृतीय स्थानों ग्रहण करने वाले प्रतिभागियों को पदक और नगद राशि पुरस्कार में दी जाएगी।