राम ही पीड़ा राम ही मरहम और राम करें जीवन उपचार रे - सुमित तिवारी
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। श्री राम नाम विश्व बैंक समिति के अध्यक्ष सुमित तिवारी ने राम नाम की महिमा का गुणगान करते हुए कुछ इस तरह अपने मन के उद्गार व्यक्त किये।
राम ही पीड़ा राम ही मरहम और राम करें उपचार रे इस संसार में जो भी आया है उसे एक दिन जन्म के साथ-साथ मृत्यु का भी वर्णन करना पड़ता है इस संसार में अगर सुख है तो दुख भी है सुख हमें एक अलौकिक शांति प्रदान करता है और दुख हमें संकट से उभरने की कला सिखाता है जिस प्रकार जन्म और मृत्यु सारस्वत सत्य है इसी प्रकार सुख और दुख भी मनुष्य की जीवन की गाड़ी के दो पहिये हैं चाहे आप राजयोग लेकर पैदा हुए हो या गरीबी लेकर लेकिन सुख और दुख जीवन और मृत्यु का वर्णन जीवन में सभी को करना पड़ता है कुछ लोग गरीबी को दुख का भाग मानते हैं किंतु गरीबी और अमीरी सुख और दुख का भाग नहीं सुख मनुष्य के पूर्व कर्मों का फल है और दुख सुख के बीच से निकलने वाला रस है जिस व्यक्ति के पास खाने के लिये परिवार चलाने के लियें मानो कुछ नहीं उसे कोई गंभीर बीमारी मिल जाये और इलाज करने का पैसा ना हो पीड़ा से शरीर और मन पूरी तरह टूट चुका हो तो ऐसे समय में राम नाम की माला ही जीवन का उद्धार तथा मार्ग प्रदान करने वाली युक्ति है जिसमें युक्ति और मुक्ति दोनों छिपी हुई है मानो आपका राजयोग चल रहा है आप सुख सुविधा और साधनों को भोग रहे हैं जीवन को दुख की अनुभूति भी नहीं हुई और अचानक आपको किसी गंभीर दुख का वर्णन करना पड़ जाये तो अधिक सुख सुविधा भोगने वाला व्यक्ति इस दुख को पैसे से दूर नहीं कर पायेगा पैसे से सिर्फ साधन इलाज ढूंढा जा सकता है लेकिन उसका निस्तारण उसके राम भजन पर निर्भर है उस समय राम नाम की महिमा और राम नाम का गुणगान आपके जीवन को संतोष प्रदान करेगा पैसे से आप बीमारी का इलाज करि सकते हैं किंतु लाभ राम नाम की महिमा से ही मिलने वाला है दुख से तो भगवान राम भगवान श्री कृष्णा भगवान भोलेनाथ भी नहीं बच पाये तो हम तो आम प्राणी है इसलिये जीवन में भजन का होना नितांत आवश्यक है जब आपका मन दुख से दुख के बोध से ग्रस्त होगा तो राम भजन आपके अंतर मन को उसमें कुछ सुकून प्रदान करेगा कहने का मतलब यह है राम ही मूरत राम ही सूरत राम ही नदी और राम ही किनारे है और राम नाम की महिमा सुख और दुख में मनुष्य के सहारे हैं राम नाम की गाथा महर्षि वाल्मीकि ने लिखी त्रिकाल दर्शी कहलाये राम नाम आप पुस्तिका में लिखें आपके जीवन में सुख शांति और समृद्धि की वर्षा होगी और जब आप भवसागर के किनारे पर खड़े होंगे तब आपको भव सागर के किनारे पर राम नाम की नैया पार ले जाने हेतु खड़ी मिलेगी जैसे मृत्यु के कुछ पल पूर्व राक्षसी पूतना और राक्षसी ताड़का को राम नाम लेने की सुध आई तो उन्हें स्वर्ग से विमान लेने आया इसी प्रकार राम नाम की भजन माला आपके जीवन के मानव जीवन के उध्दार का मार्ग बनेगी।