गुरुजनों का मार्गदर्शन परम कल्याणकारी है - बाबा हठयोगी महाराज
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। 22 मार्च 2025 को गौरी शंकर गौशाला चंडी घाट हरिद्वार में महाशक्ति पुंज सेवा ट्रस्ट हरिपुर कला के तत्वाधान में जन कष्ट निवारण पुस्तक का विमोचन प्रख्यात संत परम पूज्य बाबा हठ योगी जी महाराज के कर कमल द्वारा किया गया इस अवसर पर बोलते हुए बाबा हठ योगी महाराज ने कहा इस प्रकार की पावन कल्याणकारी पुस्तक मानव जीवन को सार्थकता प्रदान करने वाली होती हैं इन पुस्तकों के अध्ययन मात्र से मिलने वाला मार्गदर्शन हमारे मानव जीवन का उध्दार कर देता है जिस प्रकार राम से बड़ा भगवान राम का नाम जिसे पत्थरों पर लिखने मात्र से पत्थर तैरने लगते और एक बड़े सेतु के रूप में निर्मित हो जाते हैं इसी प्रकार जो भक्त अपने जीवन में भगवान राम के नाम का उच्चारण अपने मुख से करता है उसके जीवन में सुख शांति वैभव और समृद्धि की वर्षा होती है और इस परलोक से चले जाने के बाद भवसागर में उसे पार करने के लियें राम नाम की नैया किनारे पर खड़ी मिलती है हमारी सनातन संस्कृति भगवान राम द्वारा स्थापित प्राचीन संस्कृति है संत साधक ऋषि मुनि उसी प्राचीन सनातन संस्कृति का उद्घोष विश्व भर में करते हैं आज फिर भारत संपूर्ण विश्व में आध्यात्मिक धर्म गुरु के रूप में स्थापित हो रहा है इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत विश्वपुरी महाराज ने कहा जिस प्रकार मनुष्य के कल्याण की युक्ति हमारे धर्म ग्रंथो में लिखी है उसी प्रकार साधु संत ऋषि मुनियों द्वारा रचित पावन पुस्तके भी मानव जीवन कल्याण का माध्यम बनती है इसी प्रकार पावन पुस्तक जन्म कष्ट निवारण भी मानव कल्याण एवं उत्थान हेतु विश्व भर में उपयोगी सिद्ध होगी मानव कल्याण का माध्यम बनेगी गुरु का मार्गदर्शन हमारे मानव जीवन को सार्थक बना देता है सतगुरु द्वारा लिखी गई वाणी परम कल्याणकारी होती है गुरु जन द्वारा दिखाया गया मार्ग हमारे जीवन को सार्थकता प्रदान करता है कल्याण की ओर अग्रसर करता है और इस परलोक से चले जाने के बाद गुरु जी द्वारा दिए गये संस्कार और मार्गदर्शन हमारे परलोक को सुधार देता है कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है अगर इस मानव जीवन को अंतिम समय में भी भक्ति की और लगा लिया जाये जैसे मृत्यु के अंतिम समय में राक्षसी पुतना और राक्षसी ताड़का ने सच्चे हृदय से भगवान राम का नाम इस मुख से लिया तो उन्हें अंतिम समय में स्वर्ग से विमान लेने आया जब जागे तभी सवेरा कहने का मतलब यह है अगर इस मानव जीवन को सफल बनाना है तो भगवान हरि की भगवान श्री राम की भगवान श्री भोलेनाथ की या अपनी मां की इच्छा अनुसार अपने आराध्य की भक्ति करें और सदैव गुरु के वचनों का अनुसरण करते हुए इस जीवन को सार्थक करे क्योंकि हमारे सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि होते हैं उनके चरणों और वचनों की दिव्यता हमारे मानव जीवन को धन्य एवं सार्थक कर देती है जब-जब इस धरा पर भगवान अवतरित हुए हैं तो उन्हें भी सतगुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी है इस अवसर पर संस्थापक महंत राम बालक पुरी महंत जगन्नाथ महाराज सह संरक्षक जेपी बडोनी उपाध्यक्ष पंडित सुनील शास्त्री उपाध्यक्ष उमेश गुप्ता उपाध्यक्ष नीतीश कोषाध्यक्ष पंडित राजवीर शर्मा उप कोषाध्यक्ष रामपाल साध्वी आरती महाराज पंडित अधीर कौशिक सुनील कुमार सहित भारी संख्या में संस्था के पदाधिकारी तथा लोग उपस्थित थे।