स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति ने शहीद दिवस पर क्रांतिकारियों को दी श्रद्धांजलि
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मनीषा सूरी /पीयूष सूरी
हरिद्वार। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के तत्वाधान में शहीद दिवस पर सरदार भगत सिंह, क्रांतिकारी शिवराम हरि राजगुरु और क्रांतिकारी सुखदेव की पुण्यतिथि पर हर की पौड़ी के सामने स्थित शहीद पार्क में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें दो मिनट का मौन रखने के साथ ही देश के इन शहीदों का आजादी के सूत्रधार का स्मरण किया गया।
श्रद्धांजलि देते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि, शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है तथा युवाओं के लिए आदर्श एवं प्रेरणास्रोत हैं। लाहौर षड़यंत्र के आरोप में तीनों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। 24 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी जानी थी, लेकिन अंग्रेजी हुकूमत को डर था कि, उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाने पर देशवासी आक्रोशित हो जाएंगे। ऐसे में तीनों वीर सपूतों को तय तारीख से एक रात पहले ही गुपचुप तरीके से फांसी दे दी गई। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव हँसते-हँसते फाँसी के फंदे पर झूल गए। आज उनकी पुण्यतिथि है। इस दिन को भारत के वीर सपूतों के बलिदान की याद में शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भारत भूषण विद्यालंकार ने शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण किया, तत्पश्चात उन्होंने उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि, किस प्रकार छोटी से उम्र में तीनों क्रांतिकारियों को को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी पर लटकाकर कर शहीद डाला। सरदार भगत सिंह,राजगुरु व सुखदेव ने पारिवारिक चिंता को छोड़ा देश स्वतंत्रता के लिए मात्र 23 वर्ष की आयु में शहीद हो गए। इनकी शहादत को आज भी संपूर्ण भारत में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है ।
संगठन के अध्यक्ष श्री देशबंधु ने शहीद दिवस पर अपने विचार रखे और उन्होंने बताया सुखदेव, भगत सिंह बचपन में ही आजादी का सपना पाले हुए थे। वे दोनों लाहौर नेशनल कॉलेज में छात्र थे। वे एक वर्ष पंजाब में पैदा हुए और एक साथ ही शहीद हो गए। शिवराम हरि राजगुरू का जन्म पीने के पास खेड़ गाँव में 24 अगस्त 1908 को हुआ था। जब राजगुरु 6 वर्ष के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था। बहुत छोटी उम्र में उन्हें वाराणसी जाना पड़ा। जिस वक्त राजगुरु को फाँसी दी गयी, उनकी उम्र 22 वर्ष थी। डा• वेद प्रकाश आर्य ने भी शहीद दिवस पर सरदार भगत सिंह , राजगुरु व सुखदेव के जीवन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन आदित्य प्रकाश उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम में हरिशंकर सिंह सैनी, ललित कुमार चौहान, राजन कौशिक, सुशील कुमार शर्मा, कर्ण सिंह राणा, श्रीमती मंजुलता भारती, अशोक कुमार चौहान, वीरेन्द्र कुमार गहलोत, आदित्य गहलोत, शिवेंद्र गहलोत, विवेक शर्मा, कमल छाबड़ा, अनुराग सिंह गौतम, नरेन्द्र कुमार वर्मा, शोभा गोयल, मानस गोयल, मनीष कुमार, मनीषा चौहान, मुकेश त्यागी, सत्येन्द्र सिंह बिष्ट, अनिल कुमार, शिवानी सैनी, राजकुमारी सैनी आदि ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।