मसूरी में सड़क निर्माण के लिए लाई गई घटिया सामग्री को पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने लौटाया
सुनील सोनकर
देहरादून। मसूरी में करीब 2.73 करोड़ रूपये से बनने वाली मोतीलाल नेहरू मार्ग के कार्य की गुणवत्ता को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कोई कोताई भरतने को तैयार नहीं है जिसको लेकर मसूरी में मंगलवार को ठेकेदार द्वारा मोतीलाल नेहरू मार्ग के निर्माण सामग्री को अधिकारियों द्वारा ठेकेदार पर कार्यवाही करते हुए निर्माण समाग्री को रिजेक्ट कर करीब 6 डंपरों को वापस भेज दिया गया। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजेंद्र पाल ने बताया कि उनके व जूनियर इंजीनियर प्रदीप षाही द्वारा सडक निर्माण को लेकरर भेजी गई निर्माण समाग्री की जांच की गई जिसमे निर्माण समाग्री मानको के अनुरूप नही निकला जिसके बाद निर्माण समाग्री को रिजेक्ट कर दिया गया। उन्होने बताया कि रोड बनाने को लेकर भेजा गई निर्माण सामग्री सडक निर्माण स्थल सुबह 8 बजे पहुंच गई थी और करीब सुबह 9 बजे निर्माण समाग्री को सड़क पर डाली जानी थी परंतु सडक निर्माण के लिये प्रयोग में लाने वाली मशीन खराब हो गई जिस कारण सड़क पर निर्माण सामग्री को तय समय में नही डाला जा सका। उन्होंने कहा कि सड़क बनाने को लेकर निर्माण सामग्री का टेंपरेचर होता हैं ऐसे में अगर टेंपरेचर के अनुरूप सडक का निर्माण नही किया गया तो कार्य की गुणवत्ता सही नही होता। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण करते हुए निर्माण सामग्री का टेंपरेचर 120 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए और जब सडक निर्माण को लेकर निर्माण समाग्री सडक में डाली जाती हैऔर उसके ऊपर रोलर चलाया जाता है तक टेंपरेचर 80 से 90 डिग्री होना चाहिए । उन्होंने बताया कि डंपर के माध्यम से भेजी गई निर्माण सामग्री में थर्मामीटर लगाया तो वह 100 और 110डिग्री थी जो मानको के अनुराग नहीं था। जिसको देखते हुए निर्माण सामग्री को वापस कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी और उच्च अधिकारियों द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सड़क निर्माण को लेकर किसी प्रकार की की गुणवत्ता पर कोई समझौता न किया जाए । उन्होंने बताया कि 15 साल के बाद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के प्रयासों के बाद मुख्यमंत्री द्वारा मोतीलाल नेहरू मार्ग के निर्माण के लेकर धन स्वीकृत किया गया है जिससे स्थानीय लोगों के साथ देश विदेश से मसूरी आने वाले पर्यटकों को असुविधा ना हो।