संस्कृत विद्यालयों का प्रदेशस्तरीय संगठन बनाया गया
कुलदीप शर्मा
हरिद्वार। उत्तराखंड प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों के शिक्षक एवं कर्मचारियों की एक बड़ी बैठक प्रेमनगर आश्रम हरिद्वार में आहूत की गई जिसमें प्रदेश भर से आए समस्त संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों ने संस्कृत में व्याप्त अनेक प्रकार की समस्याओं के निदान हेतु संस्कृत विद्यालयों का प्रदेश स्तरीय संगठन गठन करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में उपस्थित सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने माध्यमिक संस्कृत शिक्षक एवं कर्मचारी संगठन उत्तराखंड प्रदेश के नाम से संगठन का नामकरण किया गया, तदोपरांत उक्त संगठन में अनसूया प्रसाद सुंद्रियाल प्रधानाचार्य संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय भुवनेश्वरी सिद्धपीठ पौड़ी को प्रदेश अध्यक्ष, डॉ जनार्दन प्रसाद कैरवान प्रभारी प्रधानाचार्य मुनिश्वर वेदवेदांग संस्कृत विद्यालय ऋषिकेश को प्रदेश महामंत्री, उपाध्यक्ष पद पर डॉ नवीन चन्द्र पन्त ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार एवं डॉ राजेंद्र भट्ट कपिलाश्रमी संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय हल्द्वानी नैनीताल,संगठन मंत्री डॉ मुकेश खंडूरी श्री शिवनाथ संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय, देहरादून,सह संगठन मंत्री डॉ सतीश चंद्र भट्ट श्रीशक्ति पीठ आश्रम मानीला अल्मोड़ा,कोषाध्यक्ष मनोज कुमार द्विवेदी श्री नेपाली संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय ऋषिकेश, प्रकाश चंद्र नैनवाल, डॉ श्याम लाल गौड़, डॉ भानूप्रकाश उनियाल, कैलाश गैरोला को सदस्य मनोनीत किया गया।
इसके साथ ही सुरेंद्र दत्त भट्ट, ओम प्रकाश पूर्वाल,जगदीश प्रसाद सकलानी,महेशानंद सुयाल एवं डॉ महावीर गैरोला को संरक्षक मण्डल का दायित्व दिया गया।
नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष अनसूया प्रसाद सुंद्रियाल ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत है परन्तु जिस तरह से प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों का विकास होना चाहिए था वो नहीं हो पाया। प्रदेश के संस्कृत छात्रों,विद्यालयों, शिक्षकों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण हेतु संगठन निरंतर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विभागीय अधिकारीयों के साथ ही सरकार को भी मिलकर संस्कृत के विकास में संगठन अपनी भूमिका का निर्वहन करेगा।