नंदा देवी लोकराज जात यात्रा पड़ाव पुरानी परंपराओं के अनुसार यथावत रखे जाने की मांग
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। देवभूमि उत्तराखंड की प्रसिद्ध एवं धार्मिक मां भगवती नंदा को राजराजेश्वरी भी कहा जाता है,नंदा देवी कई नाम से प्रसिद्ध है मां नंदा के प्रति पूरे उत्तराखंड के लोगों में असीम श्रद्धा है। राजजात पैदल यात्रा पूर्व की भांति संख्या 15 पातरनचौंणिया से पड़ाव संख्या 18 सुतोल तक यथावत रखा जाए। आपको बता दे कि मां भगवती नंदा देवी लोक राजजात पैदल यात्रा विगत 1843 से प्रारम्भ हुई थी। यात्रा के मुख्य पड़ावों में पातरनचौंणिया से सुतोल तक राजजात पैदल यात्रा यथावत रखा जाए। नंदा राजजात पैदल यात्रा को लेकर आज कैलुवा विनायक मंदिर के सेवक रणजीत सिंह नेगी ने बताया कि नंदा देवी लोक राजजात पैदल यात्रा में पड़ने वाला पड़ाव सुतोल को यथावत करने हेतु उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगूणा,क्षेत्रीय विधायक भुपाल राम टम्टा,नंदा देवी राजजात समिति के महामंत्री भुवन नौटियाल,जिलाधिकारी चमोली,उप जिलाअधिकारी से मुलाकात कर अपनी व ग्रामवासियों की मांग उनके समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के निवासियों की आशाओं से जुड़ा हुआ और सदियों से यह परंपरा नियमित रूप से चली आ रही है। मां भगवती प्रत्येक 12 वर्ष में नौटी गांव से शुरू होकर अपने विभिन्न पड़ावों से होकर गुजरती है लेकिन विगत वर्ष 2014 में इस परंपरा को तोड़ने का कृत्य किया गया जो कि सुतोल गांव से ना होकर मां भगवती नंदा देवी राजजात की डोली अन्य रास्तों से वापसी कराई गई। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी मां नंदा-राजराजेश्वरी की डोली का भी अपमान है साथ ही उन सभी लोगों का भी अपमान है और जो मां भगवती नंदा देवी पर आस्था रखते हैं जिसकी हम घोर निंदा करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्षों से चली आ रही लोक परंपराओं के अनुसार पड़ाव 18 सुतोल गांव में राजजात पैदल यात्रा का आगामी यात्रा का स्वरूप ना बदला जाए और द्योंसिंह देवता की अगुवाई में उक्त गांव को श्रद्धापूर्वक डोली की विधि विधान से कार्य करने हेतु नंदा देवी मंदिर समिति एवं शासन प्रशासन शीघ्र निर्णय ले। इस विषय में कैबिनेट मंत्री सौरव बहुगुणा ने कहा कि नंदा देवी राजजात समिति की शीघ्र ही मुख्यमंत्री स्तर पर बैठक आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर थराली विधानसभा क्षेत्र के क्षेत्रीय विधायक भुपाल राम टम्टा ने कहा कि मां भगवती नंदा देवी राजजात के पड़ाव हमारी पुरानी परंपराओं के अनुसार ही देव डोली अगले पड़ाव के लिए जानी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि हम सभी लोगों को मिलजुल कर पुरातन से चली आ रही परंपराओं रीति-रिवाजों को धार्मिक भावनाओं के साथ श्रद्धापूर्वक निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी नंदा राजजात की बैठक में पड़ाव 15 से 18 जो विगत वर्ष राजजात में बदलाव हुए थे उसे सभी लोगों के साथ मिलजुल करके पुरानी परंपराओं के अनुसार मां भगवती नंदा देवी की श्रद्धापूर्वक डोली का पड़ाव वार वापसी सुनिश्चित की जा सके। इस अवसर पर मंदिर समिति के महामंत्री भुवन नौटियाल ने भी कहा कि नंदा देवी राजजात पैदल यात्रा का पड़ाव हमारी पुरानी परंपराओं के अनुसार ही देव डोली जानी चाहिए इस विषय पर शीघ्र ही उत्तराखंड सरकार के साथ बैठक कर वार्ता की जाएगी। कैलुवा विनायक मंदिर के सेवक रणजीत सिंह नेगी ने उपरोक्त विषय पर जिलाधिकारी चमोली के आदेशानुसार उप जिला अधिकारी ने जिला पर्यटन अधिकारी को उक्त विषय को लेकर संज्ञान लेने की बात कही।