मौन पालन से आजीविका संवर्धन पर कार्यशाला का आयोजन
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी जखोली/श्रीनगर गढ़वाल। गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान गढ़वाल क्षेत्रीय केंद्र,श्रीनगर के तत्वाधान में रुद्रप्रयाग जनपद के विकासखण्ड जखोली के बजीरा गांव में वैज्ञानिकों,प्रशिक्षकों,काश्तकारों और ग्रामीण महिलाओं ने मौन पालन से आजीविका संवर्धन को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 26-27 मार्च को किया गया। इस अवसर पर काश्तकारों को मौन पालन से स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भर बनने के लिए जागरूक करने पर विशेष जोर दिया गया। कार्यशाला के प्रभारी व वक्ता डॉ.अरूण कुमार जुगराण वैज्ञानिक 'ई' ने संस्थान का परिचय एवं कार्यक्रम का विवरण देते हुए कहा कि ग्रामीण परिवेश में मौन पालन स्वरोजगार प्राप्त करने का एक विकल्प हो सकता है। उन्होंने काश्तकारों को मौन पालन से स्वरोजगार के रुप में अपनाने से आजीविका संवर्धन की सम्भावना पर विस्तार से चर्चा की है। डॉ.जुगराण द्वारा किसानों को मौन पालन हेतु मधुमक्खी की कालानी बॉक्स के साथ आबंटित की गई। प्रगतिशील किसान व समाजसेवी हयात सिंह राणा ने स्थानीय काश्तकारों को मौन पालन के गुर सिखाते हुए वर्तमान परिपेक्ष्य में मौन पालन को स्वरोजगार के रुप में अपने का आह्वान किया है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व काश्तकार महावीर सिंह राणा ने कृषकों को कृषि कार्य के साथ साथ मधुमक्खी पालन अपने पर जोर दिया है। इस अवसर वे प्रशिक्षक के रूप में मधुमक्खी बाक्स के जरिए मौन पालन करने की जानकारी दी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राणा जी ने अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम में वैज्ञानिकों द्वारा मौन पालन पर दी गयी जानकारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि किसानों को आजीविका संवर्धन के लिए बढ़ चढ़कर मौन पालन करना चाहिए। संस्थान के शोधार्थी आशीष,सचिन ने भी काश्तकारों को मौन पालन और क्लाइमेट स्मार्ट खेती के बारे में संक्षिप्त मै जानकारी दी है। अंत में जी.बी.पंत संस्थान द्वारा ग्रामोदया सहकारिता समिति लिमिटेड बजीरा जखोली का बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया है।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रगतिशील काश्तकार व समाजसेवी व समिति के सचिव महावीर सिंह राणा,अनिता कोठारी,हयात सिंह राणा,बलवीर सिंह राणा सहित 16 गांवों के काश्तकारों ने प्रतिभाग किया है।